मेरे लण्ड का नसीब -2 (Mere Lund Ka Naseeb-2)


मुझे बहुत दोस्तों के मेल मिले, आपके प्यार का बहुत आभारी रहूँगा। कुछ दोस्तों के मेल का मैं जवाब नहीं दे पाया, उसके लिए माफी चाहूँगा।
मेरे हम उम्र लड़के दोस्त, कृपया किसी भी मेरी महिला ग्राहक का नम्बर ना माँगें.. और ना ही किसी नौकरी के लिए कहें, मैं आपकी कोई मदद नहीं कर पाऊँगा। मुझे माफ कर दीजिएगा।
अब तक आपने पढ़ा..
वो औरत जो खाना बनाने आती थी.. वो कहने लगी- क्या बात है.. बहुत खुश हो आज?
मैंने कहा- आज तक कोई मिला ही नहीं था.. जो खुश कर सके।
यह बात मैंने उसे परखने के लिए कही थी।
तो उर्मिला ने कहा- आपने कभी ध्यान ही नहीं दिया..
तो मैंने कहा- अच्छा तो आज ध्यान दे रहा हूँ.. आज खुश कर दो।
उर्मिला ने कहा- आज तो ‘वो’ है ना..
मैंने कहा- वो एक घण्टे में चली जाएगी।
‘ठीक है.. मैं रात को दस बजे वापस आऊँगी।’
मैंने सोचा आज तो यार मेरे तो दोनों हाथों में लड्डू हैं। जब चाहे जिसका मजा ले लूँ।
अब आगे..
मैंने कहा- चल ठीक है।
तब तक मोनिका भी बाहर आ गई, फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया।
अब तक उर्मिला भी जा चुकी थी। जैसे ही मैं चलने के लिए कपड़े बदलकर बाथरूम से बाहर आया.. तो उसने भाग कर मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और मेरे होंठों को चूसने में लग गई।
वो होंठों को ऐसे चूस रही थी.. जैसे जन्मों से प्यासी हो।
लगभग पन्द्रह मिनट बाद मोनिका ने मेरे होंठों को छोड़ा और कहा- जाने का दिल तो मेरा भी नहीं है.. लेकिन मजबूर होकर जाना पड़ रहा है।
मैंने कहा- ज्यादा जल्दी ठीक नहीं है। चलें अब..
हम दस मिनट में ही मोनिका के घर पर पहुँच गए। मैं बाहर से ही वापस आना चाहता था। लेकिन मोनिका ने मुझे जबरदस्ती अन्दर बुलाया और अपनी सासू माँ से मिलवाया।
मैंने उनकी सास को नमस्कार किया और पैर छू लिए।
मोनिका की सास ने मुझे बड़े सम्मान से अन्दर बिठाया और मोनिका ने मेरे बारे में अपनी सास को बताया कि मैं उसका सीनियर हूँ और हरियाणा का रहने वाला हूँ।
मोनिका की सास ने कहा- बेटा आप यहाँ आ जाया करो, आपका भी दिल लग जाया करेगा।
मैंने कहा- जी माँ जी.. ठीक है।
अब सब चुप थे तो मैंने आगे कहा- ठीक है.. अब मैं चलता हूँ।
तो उन्होंने कहा- ऐसे नहीं जाओ.. खाना खाकर जाना..
तो मैंने कहा- माँ जी.. खाना तो हमने कम्पनी में ही खा लिया है।
उसने मोनिका से कहा- तुमने इन्हें खाना खाने से रोका क्यों नहीं?
तभी मैंने कहा- माँ जी कोई दिक्कत नहीं है.. वहाँ भी खाना अच्छा ही मिलता है।
उसने कहा- आज तो कम्पनी में खा लिया.. आज के बाद मत खाना। यहाँ आकर ही खाना है।
मैंने कहा- जी.. माँ जी.. ठीक है.. नहीं खाऊँगा।
कहकर मैंने चलने के लिए कहा.. तो मोनिका मुझे बाहर तक छोड़ने आई।
मैंने मोनिका का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और कहा- एक काम कर दो।
तो मोनिका ने कहा- क्या काम?
मैंने कहा- मुझे एक किस करो।
मोनिका ने कहा- कोई देख लेगा।
मैंने कहा- क्या तुम मुझे प्यार नहीं करती.. जो सबसे डरती हो?
उसने झट से हाथ छुड़ा कर मेरी गर्दन में हाथ डाला और मेरे होंठों पर लम्बी चुम्मी कर दी और कहा- फिर कभी मत कहना कि मैं आपसे प्यार नहीं करती।
मैंने कहा- ठीक है.. नहीं कहूँगा।
अब मैंने उसे ‘बाय’ बोला और अपने फ्लैट की तरफ चल पड़ा।
दस मिनट में मैं अपने फ्लैट पर पहुँच गया।
मैंने फ्लैट पर जाकर कपड़े बदले ही थे कि तब तक उर्मिला भी वहाँ पहुँच गई।
उसने वहाँ आते ही दरवाजा बंद कर दिया। मैंने कहा- तुमने दरवाजा क्यों बंद कर दिया?
उसने कहा- मुझे आपके कमरे में आने के बाद कोई देख ना ले। इसलिए मैंने दरवाजा बंद कर दिया।
मैंने कहा- यहाँ किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि कोई दूसरे के घर में तांक-झाँक करे। अगर कोई देख भी लेगा तो मेरा क्या बिगाड़ लेगा।
उसने कहा- ठीक है आपको तो कोई कुछ नहीं कहेगा.. लेकिन मेरे बारे में सब क्या सोचेंगे।
मैंने कहा- ठीक है.. जैसा तुम चाहो करो।
वो बाथरूम में चली गई। नहाने के बाद उसने साड़ी नहीं पहनी थी।
ब्लाउज और पेटीकोट में क्या मस्त माल लग रही थी, उसका वो भरा हुआ बदन.. लम्बे-काले बाल.. तीखे नयन नक्श वाली चुदासी औरत.. उसका फिगर साईज लगभग 36-34-38 का होगा।
बस क्या बताऊँ..? उसे बिना साड़ी के देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया।
मैंने उसको अपनी तरफ आने का इशारा किया, वो मेरे पास आकर बैठ गई, मैंने उसको पकड़ कर चूमना शुरू कर दिया।
आह्ह.. मजा आ गया.. क्या रसीले होंठ थे उसके.. एक हाथ से उसके चूचों को मसलना शुरू कर दिया और दूसरा हाथ उसकी चूत पर ले गया।
अब मैं उसकी चूत को सहलाने लगा और उसकी जांघों को भी सहलाना शुरू कर दिया।
वो ‘ऊहहहह.. आहह.. आहह..’ की आवाजें निकालने लगी।
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मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया और उतार कर अलग रख दिया।
उसने नीचे कुछ नहीं पहना था, मैंने उसके पूरे बदन को चूम डाला और जगह-जगह पर काट दिया क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स था और वो ‘ऊहह.. आहह.. आहह..’ कर रही थी।
मैंने उसकी चूत में एक उंगली डाली तो वो चिहुंक उठी, वो अपने होंठों को काट रही थी।
मैंने चित्त लिटा कर उसकी चूत को जीभ से चाटना शुरू कर दिया.. उसके दाने को जीभ से हिला रहा था, मैं उसकी चूत को जीभ से चोदने लगा।
वो मेरे सिर को अपने हाथों से अपनी चूत पर दबा रही थी और कह रही थी- अब जल्दी से अपना डाल कलकत्ता घुमा दो.. ओओह.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
मैं फिर भी उसकी चूत को अपनी जीभ से ही चोदे जा रहा था।
कुछ ही देर बाद वो झड़ गई, उसकी चूत से पानी निकल रहा था, वो शान्त हो गई और मैंने उसका सारा कामरस पी लिया।
वो उठकर कहने लगी- राजा मेरा तो सारा पी लिया और अपना स्वाद चखाया ही नहीं।
मैंने कहा- अब पी लो.. मना किसने किया है।
मैंने भी अपनी बनियान और अंडरवियर भी उतार फेंकी।
उसने झट से मेरा लन्ड पकड़ा और कहा- हाय दैया.. इतना लम्बा और मोटा है आपका लंड..!
मैंने कहा- पहले कभी देखा नहीं क्या ऐसा..?
उसने कहा- मेरे पति का लंड आपसे बहुत छोटा और पतला है।
मैं यह सुनकर बहुत खुश हुआ। वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी, मजे में मेरी तो आखें ही बंद हो गई थीं।
लेकिन वो बिल्कुल लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। दस मिनट में ही मैंने अपना वीर्य उसके मुँह में भर दिया और वो सारा का सारा पी गई।
अब वो कहने लगी- आज आपका पानी पीकर मजा आ गया.. सच्ची..
फिर हम 69 की अवस्था में आ गए और हम दोनों ने फिर से एक-दूसरे को तैयार किया।
अब उसने कहा- अब जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में पेल दो।
मैंने भी बिना देर किए उसकी चूत पर लंड रख कर एक जोर का धक्का मारा.. लेकिन मेरा आगे का थोड़ा सा हिस्सा ही अन्दर जा पाया।
उतने में ही उसकी चीख निकल गई।
मैं उसके होंठों को चूसने लगा.. फिर मैंने उससे पूछा- दर्द हो रहा है क्या?
तो उसने कहा- मेरे दर्द की चिन्ता आप मत करो। मुझे इस दर्द भरी चुदाई का पूरा मजा लेना है.. आप चोदते रहो। मेरी परवाह मत करना.. आह्ह.. और जोर से चोद डालो मुझे.. मसल दो.. आज अपनी रण्डी बना लो। प्लीज… राहुल जी.. चोद दो मुझे.. आज तक ऐसी नहीं चुदी हूँ.. फाड़ दो आज मेरी..
मैंने लंड को पूरा बाहर किया और एक जोर का झटका मारा.. अब वो रोने लगी लेकिन मुझे लगा अभी लंड पूरा नहीं गया है। मैंने लगातार दो-तीन झटके और मारे. और वो दहाड़ें मार कर चीख रही थी।
अब मैंने उसे जल्दी-जल्दी चोदना शुरू कर दिया।
थोड़ी ही देर में उसे भी मजा आने लगा। वो भी नीचे से अपने चूतड़ों को उठा-उठा कर चुदवाने का मजा लेने लगी।
वो चुदाई की मस्ती में कह रही थी- चोद मेरे राजा.. चोद मुझे.. मुझे मसल दो आज.. अपनी रण्डी बना दो.. चोददद मेरेएएऐ.. राजज्जा.. फाड़ड़ देएएए.. आज मेरी चूत..
फिर दस मिनट बाद वो झड़ चुकी थी। और मैं उसे अब भी लगातार चोदे जा रहा था।
अब मैंने उसे उल्टा करके कुतिया की तरह चोदा और वो दो बार फिर झड़ चुकी थी।
पूरे 40 मिनट तक मैंने उसे धकापेल चोदा।
अब मैं भी झड़ने वाला था.. तो मैंने उससे कहा- तुम्हें मेरा माल कहाँ चाहिए?
उसने कहा- मेरी चूत में ही छोड़ दो, मैं अपनी चूत की प्यास को बुझाना चाहती हूँ।
मैं भी झटके मार-मारकर उसकी चूत में झड़ गया और कुछ देर तक उसके ऊपर ही लेट गया।
फिर कुछ देर बाद हम दोनों बाथरूम में चले गए, बाथरूम में शावर के नीचे नहाने लगे।
ुमेरा लंड फिर तन गया, दर्द तो मुझे भी महसूस हुआ लेकिन चूत के मजे के सामने ये दर्द कुछ भी नहीं था।
मैंने उसका एक पैर कमोड पर रखवा कर उसको उल्टा कर दिया और काफ़ी देर तक उर्मिला की चूत की चुदाई की।
फिर हम नहा कर बाहर आ गए।
अब रात के 2 बज चुके थे, मैंने कहा- अब हमें सोना चाहिए.. सुबह मुझे कम्पनी भी जाना है।
उसने कहा- ठीक है.. मैं भी थक गई हूँ।
मैं जैसे ही लेटा तो मेरा फोन बज गया, मैंने सोचा इस वक्त किसका हो सकता है?
मैंने देखा तो मुझे यकीन नहीं हुआ कि मोनिका का फोन आ सकता है। मैंने उर्मिला को कहा- तुम चुप रहना.. मोनिका का फोन है।
मैंने फोन उठाया और ‘हैलो’ बोला.. तो मोनिका ने कहा- राहुल जी सो गए क्या?
मैंने कहा- नहीं..
उसने कहा- कौन है आपके पास?
अगले भाग में बताऊँगा। कैसे मोनिका को चोदा। कैसे मोनिका के पति से मुलाकात की और कैसे मोनिका मेरे साथ रही.. कैसे उसे चोदकर अपनी पत्नी बनाया। कैसे मैं जिगोलो बना?
आपके प्यार भरे ईमेल का इन्तजार करूँगा.. मेरी मेल आईडी है।


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